कोरोना वाइरस का संदिग्ध मरीज

सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से भागा कोरोना वाइरस का संदिग्ध मरीज आखिर खुद स्मीमेर अस्पताल में हाजिर हो गया। 24 घंटे तक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम उस तक नहीं पहुंच पाई। आखिरकार बुधवार शाम साढ़े पांच बजे वह स्मीमेर अस्पताल पहुंच गया, जिसके बाद इसकी जानकारी सिविल अस्पताल प्रबंधन को दी गई। इसके बाद मनपा स्वास्थ्य विभाग की दो से तीन टीमें अस्पताल पहुंचीं।



संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। ब्लड सैंपल लेकर पुणे लैब भेज दिया गया। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे भरोसा दिलाया है कि वह ठीक है और कुछ सरकारी प्रक्रिया पूरी होते ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। यह मरीज मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से भागा था, जिसके बाद अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। तब से ही खटोदरा और वराछा पुलिस संदिग्ध की तलाश में थी। इस बीच मनपा स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर पर कई बार गई, लेकिन वह घर पर नहीं मिला। चौकाने वाली बात यह है कि उससे अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग लगातार फोन से सम्पर्क में थे और उसे अस्पताल आने के लिए मनाते रहे। डॉक्टरों ने बताया कि संदिग्ध घबरा गया था, इसलिए वो भाग गया था।



3 दिन में 3 संदिग्ध मरीज
पिछले तीन दिन में तीन संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं। सोमवार को अमरेली का 25 वर्षीय युवक सिविल अस्पताल आया था। वह 8 जनवरी को चीन से आया था। मंगलवार को वराछा से 41 वर्षीय शख्स सिविल पहुंचा था (भागने वाला), जो 19 जनवरी को चीन से लौटा था और बुधवार को पूणा-गाम से एक 21 साल की युवती स्मीमेर अस्पताल आई थी। यह कब आई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। अमरेली के युवक को तीन घंटे की जांच और आब्जर्वेशन के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया और निगरानी में रखा गया है।



भास्कर पढ़कर परिवार सिविल पहुंचा
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि संदिग्ध मरीज के परिजन सिविल आए थे। उन्होंने बातचीत में बताया कि वह संदिग्ध के इलाज के लिए तैयार हैं। जो भी प्रक्रिया होगी हम उसको पूरा करेंगे। परिजनों ने यह भी बताया कि उन्हें भास्कर अखबार पढ़कर पता चला कि संदिग्ध सिविल अस्पताल से भाग गया है। हम उससे संपर्क में हैं और उसकाे इलाज करवाने के लिए मना लेंगे।



लापरवाही के बाद ताबड़ताेड़ बैठकों का दौर
संदिग्ध मामले आने से मनपा स्वास्थ्य विभाग, राज्य स्वास्थ्य विभाग और सिविल-स्मीमेर अस्पताल के अधिकारियों की बैठक तेज हो गई है। सभी डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ को हिदायत दी गई है कि किसी भी हालत में संदिग्ध मरीजों को जाने नहीं दिया जाए। साथ ही एक-एक मरीज पर नजर रखी जाए। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की कई टीम सक्रिय हुई। वहीं सिविल और स्मीमेर अस्पताल में अलग से स्टाफ रखे गए हैं। वार्ड में मौजूद डॉक्टर नर्स और स्टाफ फूल सेफ्टी किट पहनकर ही रह रहा है। बुधवार को स्मीमेर अस्पताल में एक 21 वर्षीय छात्रा भी सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती हुई। उसने डॉक्टरों से बताया कि वह हाल ही में चीन से लौटी है। वह चीन में एमबीबीएस की छात्रा है।



सिविल और स्मीमेर में अलग से आइसोलेशन वार्ड
दरअसल चीन से आए हुए सभी लोगों को स्वास्थ्य विभाग निगरानी में रखती है। शख्स को कुछ भी समस्या या बीमारी होगी तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ही पूरी सुरक्षा के साथ इलाज के लिए अस्पताल ले जाएगी। इसके लिए सिविल और स्मीमेर में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। संदिग्ध को समान्य मरीजों में नहीं देखा जा सकता। लेकिन अब तक तीनों संदिग्ध खुद अस्पताल आए थे और समान्य मरीजों के बीच इलाज के लिए डॉक्टर के पास गए थे। इसके बाद से ही अस्पतालों में हड़कंप मच गया है।



अन्य देशाें से आने वाले मरीजों की जानकारी नहीं : मनपा
मनपा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. पी उमरीगर ने बताया कि हमारे पास चीन से आए हुए लोगों की लिस्ट है। 15 जनवरी के बाद आने वाले लोगों को हम आब्जर्वेशन में रख रहे हैं। उन्हें कुछ भी समस्या होती है तो हमारी टीम सिविल या स्मीमेर में इलाज कराने जाती है। पर जो लोग पहले चीन में थे और वहां से किसी अन्य देश जाकर यहां आए हैं उनकी जानकारी अभी हमारे पास नहीं है। जिला कलेक्टर को इसकी जानकारी दी गई है कि अब हर देश से आने वाले की जानकारी हमें दी जाए।